शिक्षा
शिक्षा वह, जिसके द्वारा हित (परिवार/समाज/देश/धर्म तथा आत्मा का) का सृजन तथा अहित का विसर्जन हो।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
शिक्षा वह, जिसके द्वारा हित (परिवार/समाज/देश/धर्म तथा आत्मा का) का सृजन तथा अहित का विसर्जन हो।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि आजकल की शिक्षा में भौतिक एवं सांसारिक जानकारी रहती है, जिससे जीवन में अपना उत्थान एवं संस्कार प्राप्त नहीं होते हैं। अतः आचार्य का कथन सत्य है कि शिक्षा वह होना चाहिए, जिसके द्वारा हित,परिवार,समाज,देश, धर्म एवं आत्मा का सृजन तथा अहित का विसर्जन होना चाहिए। अतः आजकल की शिक्षा के सार धार्मिक एवं संस्कार देना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
Very true