सम्यग्दृष्टी राजा अपना मत तो सच्चे देव, शास्त्र, गुरु को देता है पर आश्रय अनायतन को भी ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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3 Responses
आयतन—-सम्यग्दर्शन आदि गुणो के आश्रय व आधार को कहते हैं।
अनायतन—-मिथ्यादर्शन आदि के आश्रय को कहते हैं।
अतः यह सिद्व होता है कि सम्यगदृष्टि राजा अपने मत को सच्चे देव, शास्त्र और गुरु को श्रद्वा करता है लेकिन आश्रय दोनों को दिया जाता है।
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आयतन—-सम्यग्दर्शन आदि गुणो के आश्रय व आधार को कहते हैं।
अनायतन—-मिथ्यादर्शन आदि के आश्रय को कहते हैं।
अतः यह सिद्व होता है कि सम्यगदृष्टि राजा अपने मत को सच्चे देव, शास्त्र और गुरु को श्रद्वा करता है लेकिन आश्रय दोनों को दिया जाता है।
What is the meaning of “Mat” in the above context please?
मत = पक्ष/ विश्वास