सप्रतिष्ठित / अप्रतिष्ठित

प्रत्येक जीव जब सप्रतिष्ठित होता है तो अनंत जीव उसके आश्रित रहते हैं ।
अप्रतिष्ठित होने पर असंख्यात/संख्यात उस शरीर में रहते तो हैं पर आश्रित नहीं ।

क्षु. श्री ध्यानसागर जी

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