7वें नरक तक में सम्यग्दर्शन पाने की पात्रता है, पर छठे काल में नहीं, ऐसा क्यों ?
शायद नियति कहती है… मनुष्य होकर भी ऐसे घिनौने कृत कर रहे हो ! तुम सम्यग्दर्शन पाने के योग्य नहीं।
चिंतन
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सम्यग्दर्शन की पात्रता का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए सम्यग्दर्शन की पात्रता रखना परम आवश्यक है।
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सम्यग्दर्शन की पात्रता का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए सम्यग्दर्शन की पात्रता रखना परम आवश्यक है।