सम्यग्दर्शन में मलिनता युद्ध/हिंसा से नहीं, बल्कि मद से आती है। (आचार्य समंतभद्र स्वामी)
मुनि श्री सुधासागर जी
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मद, ज्ञान आदि से अपना बड़प्पन जताना कहलाता है।मद को अहंकार भी कहते हैं।
उपरोक्त कथन सत्य है कि सम्यग्दर्शन में मलीनता युद्ध या हिंसा से नहीं बल्कि मद से आती है। अतः जीवन में मद को समाप्त करना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
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मद, ज्ञान आदि से अपना बड़प्पन जताना कहलाता है।मद को अहंकार भी कहते हैं।
उपरोक्त कथन सत्य है कि सम्यग्दर्शन में मलीनता युद्ध या हिंसा से नहीं बल्कि मद से आती है। अतः जीवन में मद को समाप्त करना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।