अगम्य स्थान
आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने एक प्रश्न के उत्तर में बताया की आगम में अगम्य स्थान के बारे में वर्णन आता है। जिसमें अवधिज्ञान भी नहीं पहुंच सकते। उदाहरण दिया भरत चक्रवर्ती अवध ज्ञानी थे पर उन्हें आहार विधि नहीं पता लगी, जैसे साइंस में ब्लैक होल, कर्ण की विद्या नहीं पहुंच पाई, देवों की गतिविधियों को जानने उनकी सीमा में अवधिज्ञान नहीं पहुंच पाता है।
आचार्य श्री विद्यासागर जी (स्वाध्याय श्री भगवती आराधना- भाग 1, पृष्ठ 76)
सान्निध्य आर्यिका श्री पूर्णमति माता जी