बंद आँख में अंधेरा सुहाना लगने लगता है,
आँख खुलने पर पता लगता है कि क्या-क्या खोया !
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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One Response
अज्ञान जीवन में अंधकार ही दिखाता है।
अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि आंखें बन्द करके सुहावना लगता है, जबकि आंख खुलने के बाद ही पता लगता है कि क्या खोया। अतः जीवन में ज्ञान अर्जित करने का प्रयास करना चाहिए ताकि जीवन को अंधकार से उजाले का रास्ता दिखाया जा सकता है।
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अज्ञान जीवन में अंधकार ही दिखाता है।
अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि आंखें बन्द करके सुहावना लगता है, जबकि आंख खुलने के बाद ही पता लगता है कि क्या खोया। अतः जीवन में ज्ञान अर्जित करने का प्रयास करना चाहिए ताकि जीवन को अंधकार से उजाले का रास्ता दिखाया जा सकता है।