इतिहास
इति + हास = वह भूतकाल जो हँसी का पात्र है ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
(जन्म जन्मांतरों में किया क्या है ?
जीवनों को यों ही गंवाते आये हैं ।)
इति + हास = वह भूतकाल जो हँसी का पात्र है ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
(जन्म जन्मांतरों में किया क्या है ?
जीवनों को यों ही गंवाते आये हैं ।)