किससे बचना ?
अपरिचित से ज्यादा परिचित से बचो।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
(अपरिचित से तो सावधान रहते हैं, परिचित से नहीं तथा मोह में भ्रमित भी रहते हैं)
अपरिचित से ज्यादा परिचित से बचो।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
(अपरिचित से तो सावधान रहते हैं, परिचित से नहीं तथा मोह में भ्रमित भी रहते हैं)
One Response
आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने किससे बचने का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में कल्याण करना हो तो सोच समझकर बचने का प़यास करना चाहिए।