जज / वकील

जज सुनते ज्यादा हैं, बोलते कम, भेद-विज्ञान लगाकर सत्य पकड़ते हैं ।
फांसी का निर्णय देने के बाद कलम तोड़ देते हैं – अहिंसा का प्रतीक ।
वकील बोलते ही रहते हैं, सुनते कम हैं क्योंकि असत्य को छुपाना चाहते हैं ।

आचार्य श्री विद्यासागर जी

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4 Responses

  1. उपरोक्त कथन में सत्य और असत्य की व्याख्या की गई है। वकील बोलते रहते हैं, सुनते कम है, क्योंकि असत्य को छिपाते हैं, जबकि जज सुनते ज्यादा है और बोलते कम है।इसका कारण भेद विज्ञान लगाकर सत्य को पकड़ते हैं। जब फांसी की सजा सुनाने के बाद कलम तोड़ देते हैं,यह अहिंसा का प्रतीक होता है। अतः जीवन में भेद विज्ञान पर ही आस्था रखना चाहिए ताकि सत्य मालुम हो सकता है।

  2. “फांसी का निर्णय देने के बाद कलम तोड़ देते हैं – अहिंसा का प्रतीक “- kindly yeh clarify kariye?

    1. फांसी की सजा देने के बाद कलम तोड़ना प्रतीक है कि …
      हिंसात्मक सज़ा देनी पड़ी है पर भविष्य में फिर किसी को देनी न पड़े, ऐसा भाव ।

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