इसका शब्दार्थ क्या है और जाप करने से कर्म कैसे कटते हैं ?
“ज” जन्म, “प” पाप;
जो जन्म और पाप यानि संसार को समाप्त करे ।
इष्ट-देव की जाप करने से विशुद्धता/ऊर्जा आती है, जो कर्मों को काटती है ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
Share this on...
One Response
उपरोक्त कथन सत्य है कि जाप करना कर्मों को काटने का साधन होता है। अतः पाप का मतलब जो जन्म और पाप यानी संसार को समाप्त करें। इष्ट देव की जाप करने से विशुद्वता और उर्जा मिलती है जो कर्म को काटती है। अतः जीवन में कर्मों को काटने के लिए पूजा,जाप करना परम आवश्यक है।
One Response
उपरोक्त कथन सत्य है कि जाप करना कर्मों को काटने का साधन होता है। अतः पाप का मतलब जो जन्म और पाप यानी संसार को समाप्त करें। इष्ट देव की जाप करने से विशुद्वता और उर्जा मिलती है जो कर्म को काटती है। अतः जीवन में कर्मों को काटने के लिए पूजा,जाप करना परम आवश्यक है।