1. जिनमें काम करने की शक्ति/स्वभाव नहीं जैसे देवों में संयम/मोक्ष;
कालाणु का दूसरे कालाणु से मिलना/बहुप्रदेशी बनना ।
2. जिनमें शक्ति है पर अभिव्यक्ति नहीं, जैसे मनुष्य प्रमादी स्वभाव वाले/अभव्य ।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
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2 Responses
जीव का मतलब जो जानता है या जिसमें चेतना है। जीव दो प्रकार के होते हैं,संसारी और मुक्त जीव।
अतः उक्त कथन सत्य है कि जीव दो प्रकार के होते हैं।1 जिनमें काम करने की शक्ति और स्वभाव नहीं जैसे देवों में इनमें संयम और मोक्ष नहीं होता है।2 जिनमें शक्ति है लेकिन अभिव्यक्ति नहीं जैसे मनुष्य जो प़मादी स्वभाव वाले या अभव्य होते हैं। इसमें कालाणु का मतलब क्या है यह मुझे ज्ञात नहीं है।
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जीव का मतलब जो जानता है या जिसमें चेतना है। जीव दो प्रकार के होते हैं,संसारी और मुक्त जीव।
अतः उक्त कथन सत्य है कि जीव दो प्रकार के होते हैं।1 जिनमें काम करने की शक्ति और स्वभाव नहीं जैसे देवों में इनमें संयम और मोक्ष नहीं होता है।2 जिनमें शक्ति है लेकिन अभिव्यक्ति नहीं जैसे मनुष्य जो प़मादी स्वभाव वाले या अभव्य होते हैं। इसमें कालाणु का मतलब क्या है यह मुझे ज्ञात नहीं है।
कालाणु = काल-द्रव्य के अणु,
इनमें आपस में मिलने की शक्ति नहीं होती है ।