ज्ञान

चक्रवर्ती भरत ने भाई के ऊपर चक्र चलाया तो वह वापस आ गया।
चक्र को ज्ञान था कि चक्र भाई पर नहीं चलाया जाता।

हम तो सजीव हैं ! क्या हमारा ज्ञान अजीव से भी कम है ?

मुनि श्री मंगलानन्द सागर जी

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