अगरबत्ती को भी (जलने) सुगंध बिखेरने के लिये झुकना पड़ता है ।
गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी
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जीवन में जो लोग झुकना जानते हैं, वही लोग आनन्द की खुशबू बिखरते हैं।झुकना विनम़ता का प़तीक है।अतः जीवन में झुकने के भाव होना चाहिए तभी उसका कल्याण होगा और दूसरों का भी कल्याण होगा।
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जीवन में जो लोग झुकना जानते हैं, वही लोग आनन्द की खुशबू बिखरते हैं।झुकना विनम़ता का प़तीक है।अतः जीवन में झुकने के भाव होना चाहिए तभी उसका कल्याण होगा और दूसरों का भी कल्याण होगा।