प्रभु
जो सब स्वीकार कर लें/ सबको स्वीकार लें – वह प्रभु।
हम प्रभु को स्वीकार लें/ प्रभु की स्वीकार लें तो हम भी प्रभु बनने की राह पर चलने लगेंगे।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
जो सब स्वीकार कर लें/ सबको स्वीकार लें – वह प्रभु।
हम प्रभु को स्वीकार लें/ प्रभु की स्वीकार लें तो हम भी प्रभु बनने की राह पर चलने लगेंगे।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
One Response
उपरोक्त कथन सत्य है कि जब प़भु या भगवान को स्वीकार कर लेता है, तो भगवान् बनने के रास्ते पर चलने के लिए योग्य होता है। जो जीवन में भगवान को अपने हृदय में जो बिठा लेता है वह अपना कल्याण करने में समर्थ हो सकता है।