राग —> न रहे* तो रहा न जाए।
द्वेष —> रहे** तो रहा न जाए।
सारे युद्ध राग की वजह से ही हुए हैं। रावण को सीता से राग था इसलिए राम से द्वेष हुआ और युद्ध हुआ।
आर्यिका श्री पूर्णमति माता जी (27 नवम्बर)
* प्रियजन
** दुश्मन
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आर्यिका श्री पूर्णमती माता जी ने राग एवं द्वेष को उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए राग एवं द्वेष को त्यागने का प़यास करना परम आवश्यक है।
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आर्यिका श्री पूर्णमती माता जी ने राग एवं द्वेष को उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए राग एवं द्वेष को त्यागने का प़यास करना परम आवश्यक है।