रितुओं में त्याग

ऋतुओं में त्याग :

अगहन – ज़ीरा
पौसे – धना
माघे – मिश्री
फागुन – चना
चैते-गुड़
बैसाखे – तेल
जेठे – राई
असाढ़े – बेल
सावन – निम्बू
भादों – मही
क्वार – करेला
कार्तिक-दही

इन बारह से बच्यो नहीं, तो मर्यो, नहीं तो पर्यो सही!

(अगहन – Dec, पौष – Jan, माघ – Feb, फाल्गुन – March, चैत – April, वैशाख – May, ज्येष्ठ – June, आषाढ़ – July, श्रावण – Aug, भाद्रपद – Sep, अश्विन – Oct, कार्तिक – Nov)

मुनि श्री प्रणम्यसागर जी

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7 Responses

  1. मुनि महाराज ने रितुऔ में त्याग का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! इसी प्रकार अंग्रेजी के बारह माह आते हैं उनको भारतीय संस्कृति के आधार पर जो तिथियाँ का वर्णन किया गया है, उसको आजकल अपने बच्चों को बताना आवश्यक है!

  2. ‘इन बारह से बच्यो नहीं, तो मर्यो, नहीं तो पर्यो सही!’ Can meaning of this sentence be explained, please ?

    1. इन बारह महीनों में ये बचाव नहीं किये तो मरते हैं। यदि नहीं भी मरे तब भी bed पर तो पड़े ही रहोगे।

  3. ‘भादों’ aur ‘भाद्रपद’ and ‘क्वार’ aur ‘अश्विन’, ek hi hai,
    na ?

    1. भारतीय महीनों के हिन्दी और संस्कृत नाम….

      चैत – चैत्र
      बैसाख – वैशाख
      जेठ – ज्येष्ठ
      अषाढ़ – आषाढ
      सावन – श्रावण
      भादों – भाद्रपद
      क्वार – आश्विन
      कातिक – कार्तिक
      अगहन – अग्रहायण / मार्गशीर्ष
      पूस – पौष
      माह – माघ
      फागुन – फाल्गुन

      (कमल)

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