वेद और वेदना

वेद बिना संवेदना के साथ पढ़ने से सिर्फ अपनी वेदना समझ आयेगी ।
जिसके अंदर संवेदना है उसे वेद का ज्ञान तो हो ही जायेगा और सबकी वेदना भी समझ आयेगी ।

(यश – बड़वानी के प्रश्न का उत्तर)… मुनि श्री प्रमाणसागर जी

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5 Responses

  1. उपरोक्त कथन सत्य है कि बिना संवेदना के साथ वेद पढ़ने से सिर्फ अपनी वेदना समझ में आती है, अतः जिसके अन्दर संवेदना है , उसे वेद का ज्ञान तो हो ही जावेगी और सबकी वेदना भी समझ आवेगी। अतः हर जीव में संवेदना का भाव होना परमावश्यक है ताकि जीवन का कल्याण कर सकता है।

    1. 1) वेद = शास्त्र
      2) बिना संवेदना के भी वेदों का ज्ञान तो हो सकता है ।

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