शलाका महापुरुष समाज का भी कल्याण करते हैं ।
(शलाका का शाब्दिक अर्थ भी “लेखनी” होता है, यानि समाज पर उनका प्रभाव दिखता है)
महापुरुष अपना ही कल्याण करते हैं जैसे कामदेव ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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महापुरुष- – जो पीड़ित किये जाने पर भी कभी कठोर वचन या अपशद्ब नहीं बोलते हैं वह महापुरुष कहलाते हैं। जैनागम में नौ नारायण,नौ प़तिनारायण,नौ बलभद्र,बारह चक्रवर्ती, चौबीस तीर्थंकरों, चौबीस कामदेव, चौदह कामदेव,ग्यारह रुद्र,नौ नारद और तीर्थंकरों के माता-पिता (169)महापुरुष कहे गये है। कामदेव- – चौबीस तीर्थंकरों के समय में चौबीस कामदेव होते हैं, इनमें बाहुबली, हनुमान, श्रीपाल व सुदर्शन कामदेव प़सिद्व हैं।
अतः यह कथन सत्य है कि शलाका महापुरुष समाज का भी कल्याण करते हैं लेकिन महापुरुष अपना ही कल्याण करते हैं जैसे कामदेव।
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महापुरुष- – जो पीड़ित किये जाने पर भी कभी कठोर वचन या अपशद्ब नहीं बोलते हैं वह महापुरुष कहलाते हैं। जैनागम में नौ नारायण,नौ प़तिनारायण,नौ बलभद्र,बारह चक्रवर्ती, चौबीस तीर्थंकरों, चौबीस कामदेव, चौदह कामदेव,ग्यारह रुद्र,नौ नारद और तीर्थंकरों के माता-पिता (169)महापुरुष कहे गये है। कामदेव- – चौबीस तीर्थंकरों के समय में चौबीस कामदेव होते हैं, इनमें बाहुबली, हनुमान, श्रीपाल व सुदर्शन कामदेव प़सिद्व हैं।
अतः यह कथन सत्य है कि शलाका महापुरुष समाज का भी कल्याण करते हैं लेकिन महापुरुष अपना ही कल्याण करते हैं जैसे कामदेव।