बच्चे के 8 वर्ष पूर्ण होने पर…
मंदिर ले जाएं/विधान आदि करें/ बच्चे को कुल परंपरा समझायें/अभी तुम्हारे नियमों को हम सम्भाल रहे थे, अब तुमको जिम्मेदारी लेनी है ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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सम्यक्त्व क़िया—-चैत्य,गुरु और शास्त्र की पूजा आदि रुप को बढ़ाने वाली होती है।अतः बच्चे की आयु 8 वर्ष होने के उपरान्त मन्दिर ले जाने/विधान करने एवं बच्चे को कुल परम्परा को समझाने आदि सम्यक्त्व दिवस की क़िया का पालन आवश्यक है ,यह जिम्मेदारी खुद सम्भाल रहे थे उसको बच्चे तक को भी पहुचना आवश्यक होता है।
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सम्यक्त्व क़िया—-चैत्य,गुरु और शास्त्र की पूजा आदि रुप को बढ़ाने वाली होती है।अतः बच्चे की आयु 8 वर्ष होने के उपरान्त मन्दिर ले जाने/विधान करने एवं बच्चे को कुल परम्परा को समझाने आदि सम्यक्त्व दिवस की क़िया का पालन आवश्यक है ,यह जिम्मेदारी खुद सम्भाल रहे थे उसको बच्चे तक को भी पहुचना आवश्यक होता है।