सम्यग्दर्शन

1. भेद –
I. क्षायिक सम्यग्दर्शन
II. क्षयोपशमिक सम्यग्दर्शन
III. औपशमिक सम्यग्दर्शन
2. सराग, वीतराग
इनका आपस में सम्बन्ध ?
सराग तीनों भेदों में लगेगा, वीतराग उपशम व क्षायिक में ही।

निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी

Share this on...

4 Responses

  1. मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने सम्यक दर्शन का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए सबसे प़थम सम्यक दर्शन पर श्रद्वान करना परम आवश्यक है।

  2. ‘सराग’ aur ‘वीतराग’, donon ‘उपशम’ व ‘क्षायिक’ में lagata hai,
    right ? ‘उपशम’ व ‘क्षायिक’ me yeh donon kab-kab lagenge ?

    1. हाँ, उपशम और क्षायिक दोनों में सरागी व वीतराग होते हैं ।
      ये दोनों, 4 से 10वें गुणस्थानों में सरागी, 11वें में उपशम वीतरागी, 12वें तथा आगे क्षायिक वीतरागी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives
Recent Comments

October 1, 2023

July 2024
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031