यह कथन सही है। इच्छाओं का त्याग होना ही साधना कहलायेगी।धर्म मैं इच्छायों का समर्पण होगा तभी साधना के मार्ग पर चल सकते हैं। Reply
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यह कथन सही है।
इच्छाओं का त्याग होना ही साधना कहलायेगी।धर्म मैं इच्छायों का समर्पण होगा तभी साधना के मार्ग पर चल सकते हैं।