सिद्धांत ग्रंथ गृहस्थों को पढ़ने की मनाही क्यों है ?
साधारण व्यक्ति को भोजन करने में विशुद्धता नहीं चाहिये, मुनि के लिये बहुत।
ऐसे ही इतने शुद्ध ग्रंथों को पढ़ने के लिये विशुद्धता बहुत चाहिये जो गृहस्थों में हो नहीं सकती।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
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मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने सिद्धांत ग़न्थ को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।
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मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने सिद्धांत ग़न्थ को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।