इनको दूर से संबोधन देना चाहिये ।
स्वभाव/पापोदय से वह हमला भी कर देते हैं ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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2 Responses
मुनि महाराज जी का कथन सत्य है कि हिंसक जानवरों को दूर से संबोधन करना चाहिए क्योंकि वह स्वभाव और पापोदय से हमला भी कर देते हैं ।
आगम में उल्लेख है कि भगवान् के समवशरण में सभी जीव उनकी वाणी को सुनने आते थे, उनमें हिंसक जीव भी आते थे।
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मुनि महाराज जी का कथन सत्य है कि हिंसक जानवरों को दूर से संबोधन करना चाहिए क्योंकि वह स्वभाव और पापोदय से हमला भी कर देते हैं ।
आगम में उल्लेख है कि भगवान् के समवशरण में सभी जीव उनकी वाणी को सुनने आते थे, उनमें हिंसक जीव भी आते थे।
समवसरण की बात तो निराली/ अदभुत होती है …उसमें तो शेर/ गाय एक घाट/ जगह पर पानी पीते हैं ।
यहाँ पर साधारण व्यक्तियों की बात हो रही है ।