Month: June 2011

बादर/सूक्ष्म

बादर लब्धिपर्याप्तक की जघन्य अवगाहना से सूक्ष्म निगोद निवृत्तिपर्याप्तक असंख्यात गुणा बड़ा होता है । पं. रतनलाल बैनाड़ा जी

Read More »

स्वभाव

जलते कोयले को शीतलता देने के उद्देश्य से पानी ड़ालना हिंसा है । वस्तु के स्वभाव के विपरीत व्यवहार न करें । चिंतन

Read More »

चारित्र

चंदन की खुशबू कुछ दूर तक ही जाती है, चारित्र की खुशबू देवलोक तक जाती है । आचार्य श्री महाश्रमण जी

Read More »

Effort

If you can’t fly, Run If you can’t run Walk If you can’t walk Crawl But keep moving towards your Goal. That’s true Efforts &

Read More »

गुप्ति/सामायिक

गुप्ति निवृतिरूप है । सामायिक मानसिक प्रवृति होती है । त.सू.टीका – पं. कैलाशचंद्र शास्त्री जी

Read More »

झूठ

यदि महाभारत में युधिष्ठर झूठ  नहीं बोलते तो शायद महाभारत समाप्त नहीं होता । गृहस्थों के लिये अच्छे उद्देश्य से झूठ बोलना युक्त्ति संगत है

Read More »

संतुलन

हम सब पाँच गेंदों को हवा में उछाल उछाल कर खेल रहे हैं । इन गेंदों के नाम हैं – व्यवसाय, परिवार, स्वास्थ, मित्र और

Read More »

संतुष्टि/सफलता

संतुष्टि प्रकाश है, सफलता छाया है । संतुष्टि पा ली तो सफलता/छाया पीछे पीछे आयेगी ही । मुनि श्री अनुभवसागर जी

Read More »

Comfort/Growth

We get comfort from those who agree with us, but we get growth from only those who don’t agree with us. – Bill Gates (Mr.

Read More »

मंगल आशीष

Archives

Archives

June 22, 2011