Month: November 2011

स्त्री

क्या स्त्री सब लड़ाईयों की जड़ है ? नहीं, स्त्री के प्रति जो आसक्त्ति है वह युद्ध कराती है । चिंतन

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Stress

Why there is so much stress in life ? It’s because we focus too much on improving our lifestyle, rather than our LIFE !!

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गलती

एक बार गलती स्वभाव है, बार बार गलती विभाव है । मुनि श्री सौरभसागर जी

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स्वभाव

बिल्ली सौभाग्यवश रानी बन गयी । एक दिन दरबार में चूहा देखा, बस दौड़ पड़ी उसके पीछे । (श्री विश्वकर्मा)

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पर्याय

पर्याय का ज्ञान होना बाधक नहीं है, पर्याय में मूढ़ता आ जाना बाधक है । आचार्य श्री विद्यासागर जी

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चारित्र

पूज्यों/बड़ों/गुणवानों के चरणों में सिर झुकाने की परम्परा इसलिये है क्योंकि अपने यहाँ चारित्र की प्रमुखता है । चरण आचरण के प्रतीक होते हैं, सिर

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सत्संग

शरीर मिट्टी का ही तो बना है । यह मिट्टी जमाने की हवा लगकर सूख जाती है । तब सत्संग के छीटें मार लें, वरना

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Happiness

Don’t be happy for a particular reason, Because that happiness ends, when reason ends, Be happy without any reason & you will be happy in

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गुरू

माता पिता के लाड़ प्यार से गुरू की ड़ांट ज्यादा उपयोगी होती है । आचार्य श्री विद्यासागर जी

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मौत और नरक

इंसान मौत से बचने की कोशिश करता है परन्तु नरक से बचने की नहीं, जबकि हकीकत ये है कि कोशिश करने से इंसान नरक से

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मंगल आशीष

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