Month: February 2012

कट्टरवादिता/दृढ़ता

कट्टरवादी अपने धर्म का दीपक तो जलाते हैं पर उससे दूसरे धर्मों को भी जलाते रहते हैं । दृढ़तावान अपने धर्म के दीपक की रक्षा

Read More »

अशुद्ध/शुद्ध/विशुद्ध

किसी भी Non-veg Hotel के आगे “शुद्ध मांसाहार भोजनालय” नहीं लिखा होता है, शाकाहार भोजनालय के आगे “शुद्ध शाकाहारी भोजनालय” तो लिखा मिलता है पर

Read More »

दर्शन

विग्रहगति में तीन दर्शन होते हैं । चक्षुदर्शन – जो जीव पर्याप्तक अवस्था से आ रहा हो । अचक्षुदर्शन अवधि दर्शन श्री रतनचंद्र मुख्तार जी

Read More »

Early solution

Solve simple mistakes early before it leads to big problem. Because we always slip from small stones and not from a mountain. (Mr. Pranjal)

Read More »

बाजार की चीजों का त्याग

पवित्रता और अहिंसा की दृष्टि से बाजार की चीजों का त्याग तो करना चाहते हैं पर किसी के यहां जाने पर बाजार की चीजें खानी

Read More »

मंदिर

भगवान जब हर जगह विद्यमान है तो मंदिर जाने की क्या जरूरत ? हवा जब हर जगह है तो टायर में हवा भरवाने के लिये

Read More »

Tear/Smile

Some can make you cry and give you tears. Many can make you laugh and give you smiles. But only few can give you “Laughing

Read More »

बुद्धि

बुद्धि के औजार से ज़िंदगी सुलझती नहीं है और उलझ जाती है । ज़िंदगी सुलझती तो शुभ कर्मों से ही है । सुश्री श्रद्धा

Read More »

वितर्क

वितर्क श्रुतज्ञान को कहते हैं, या विशेष रूप से तर्क/विचार करने को वितर्क कहते हैं । तत्वार्थ सूत्र – 9/42

Read More »

मंगल आशीष

Archives

Archives
Recent Comments

February 10, 2012

February 2012
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
272829