Day: May 2, 2012

बंधन

हम तो वंदन में भी बंधन रखते हैं , समय का/घर जल्दी लौटने का । आर्यिका श्री पूर्णमति माताजी

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मन:पर्यय

विपुलमती मन:पर्यय ज्ञानी वर्धमान चारित्री ही होते हैं, अत: वे उपशम श्रेणी आरोहण नहीं करते । यदि वे उपशम श्रेणी आरोहण करेंगे तो यथाख्यात चारित्र

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मंगल आशीष

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May 2, 2012