Month: August 2012

शांति

शांति चाहने वाले “No Admission” का बोर्ड़ लटका लेते हैं । (“पर” को “निज” में नहीं आने देते) आचार्य श्री विभवसागर जी अशांति चाहते हो

Read More »

सकारत्मकता

सोने चांदी के बाजार में सफाई-कर्मचारी नालियों के कचड़े में बहुत खोजबीन करते हैं, कचड़ा छोड़ते जाते हैं और सोने चांदी के टुकड़े जमा कर

Read More »

Prayer

Prayer and Seeds are similar in nature. Both have nothing within, but have the potential of creating everything. (Mr. Mehul)

Read More »

शुभ-भाव

मीठे फलों से बाजार भरा पड़ा है, कड़वे भी तो पैदा होते होंगे ! वे क्यों नहीं दिखते ? मीठे फलों के पेड़ लगाये जाते

Read More »

Sadness

God does not create sadness for us.. When we go away from God we experience sadness. (Mr. Dharmendra)

Read More »

तप

तप करता शरीर है, पर बिना मन के नहीं होता और मन की शुद्धि के लिये ही किया जाता है । मुनि श्री प्रमाणसागर जी

Read More »

ज्ञान

ज्ञान इतना उपयोगी नहीं, ज्ञान होने से जो जीवन में सावधानी/विवेक आता है, वह उपयोगी है । आचार्य श्री विद्यासागर जी

Read More »

Power

You need power only when you want to Rule or to Destroy, Otherwise Love & Friendship are enough to do your all jobs successfuly. (Dr.

Read More »

भाव निर्जरा

भाव निर्जरा में सविपाक, अविपाक भेद नहीं होते । पं.रतनलाल बैनाड़ा जी

Read More »

मंगल आशीष

Archives

Archives
Recent Comments

August 31, 2012