Day: December 23, 2012
ज़िंदगी
December 23, 2012
क्या भरोसा है ज़िंदगी का, इंसान बुलबुला है पानी का । जी रहे हैं हम कपड़े बदल बदल कर, एक दिन एक ही कपड़े में
क्या भरोसा है ज़िंदगी का, इंसान बुलबुला है पानी का । जी रहे हैं हम कपड़े बदल बदल कर, एक दिन एक ही कपड़े में
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