Month: March 2015
बिम्ब दर्शन
सम्यग्दर्शन भगवान के प्रत्यक्ष दर्शन से ज्यादा, जिनबिंब दर्शन से क्यों हो जाता है ? सम्यग्दर्शन विश्वास का विषय है, प्रत्यक्ष दर्शन में विश्वास वाली
धर्म
प्रायः , धर्म याने अपना अपना काम, जैसे चोर चोरी को अपना धर्म कहता है। पर असली धर्म के माने हैं – जो अपना काम*
स्वतंत्र सत्ता
बच्चों में माँ का खून 9 माह तक घूमता रहता है पर उनका Blood Group अलग अलग होता है । अपने अपने कर्मों के अनुसार,
Walking
“Walking” is the best exercise…! ‘Walk Away’ from arguments that lead you to nowhere but anger. ‘Walk Away’ from people who delebrately put you down.
वास्तु/ज्योतिष
वास्तु/ज्योतिष कारक (कारण) नहीं है, सूचक हैं । पं बृषभप्रसाद जी जैन
श्री राम
सबसे ज्यादा पूज्य राम को क्यों माना गया है ? क्षमाभाव की उत्कृष्टता की वजह से । कैकई से ही आर्शीवाद मांग रहे थे कि
Defeat
Life is like a Boxing game. Defeat is not declared when you fall down, but when you refuse to getup.
वैभव
जब जिंदगी एक है, भोजन दो बार ही करते हो, तो मकान/गाडियाँ बहुत, धन लाखों/करोडों में क्यों ?
अनुभव/ज्ञान
बड़े बड़े ज्ञानियों के विचारों को भुला दिया गया पर जिन्होंने अनुभव से सीखा/बताया वे याद रखे गये – महावीर, कबीर, सूरदास आदि । आचार्य
पुण्य
पुण्य और इसका फल, दोनों हेय नहीं, फल का दुरुपयोग हेय है । मुनि श्री कुंथुसागर जी
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