Month: March 2015

होली

असली होली – जब मैं भगवान की “हो-ली”, जब मैं भक्ति के रंग में रंग ली, आनंद रुपी गुलाल से पूरे आसमान को भरली। चिंतन

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शैतान और भगवान

शैतान से जितना डरते हो, उतना यदि भगवान से डरने लगो, तो जीवन से शैतानियत ही समाप्त हो जाय । चिंतन

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पराधीनता

आजकल गृहणीयाँ सेवकों का इंतजार ऐसे करती हैं जैसे करवा-चौथ के दिन चाँद का करती हैं। (बंटी-ग्वालियर*) *सेवक

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Attitude

Life is best for those who are enjoying it. Difficult for, who are comparing. Worst for, critics. (Divya-London)

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भगवान की क्षुधा

परम औदारिक शरीर (13, 14 गुणस्थान) होने के बाद तो भगवान की क्षुधा होगी ही नहीं, क्योंकि उनके शरीर में जीव समाप्त हो जाते हैं।

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दौलत

दौलत की भूख मिटाने, कमाने निकल गये; बच्चों के साथ रहने की फुरसत न मिल सकी। और जब फुरसत मिली भी तो, बच्चे खुद दौलत

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मंगल आशीष

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March 6, 2015