Day: April 3, 2015
भाग्य
April 3, 2015
टूटी कलम और गैरों से जलन, हमें खुद का भाग्य नहीं लिखने देतीं। (हिना) (जलन स्याही को सुखा देती है)
टूटी कलम और गैरों से जलन, हमें खुद का भाग्य नहीं लिखने देतीं। (हिना) (जलन स्याही को सुखा देती है)
Recent Comments