Month: January 2017
प्रकृति
नई शिक्षा का प्रचार प्रसार जोर-शोर से हुआ; चिड़िया ने पानी में तैरने की कोशिश की, मछली ने पेड़ों पर चढ़ने की, मयूर के रंग-बिरंगे
धार्मिक क्रियायें
धार्मिक क्रियायें धर्म कैसे ? अहिंसा/वीतरागता धर्म है । पर इनको पाने के लिये, की गई क्रियायें भी धर्म हैं ।
अंतिम विदा
शांता बहन के अंतिम विदा के समय लिखा था… “यहाँ तक लाने के लिये धन्यवाद, अब आगे का सफ़र हम खुद तय करेंगे” ।
ज्ञानी की रुचि
ज्ञानी को विषयों में अरुचि, ऐसे ही जैसे मिठाई खाने के बाद मीठा दूध भी फीका लगता है । क्षु. ध्यानसागर जी
बंधन
रस्सी आदि से बंधे हों तो, तोड़ने की कोशिश करते हैं, पर अद्रश्य बंधनों (मोहादि) को तोड़ने की कोशिश ही नहीं करते । चिंतन
पंचमकाल में सम्यग्दर्शन
सम्यग्द्रष्टि जन्म नहीं लेते, इसका प्रमाण ? पं. श्री रतनलाल बैनाड़ा जी आचार्य श्री विद्यासागर जी – रत्नकरण्ड़ श्रावकाचार गाथा 36 में लिखा है –
संसार
संसार मुझ से नहीं चल रहा है, सबसे चल रहा है । मेरे कम होते ही उस जगह को भरने, दूसरा आ जायेगा ।
श्रद्धा / श्रद्धेय
श्रद्धा मानने का विषय, श्रद्धेय जानने का । दोनों सच्चे हों, तो अदभुत परिणाम ।
सुख / शान्ति
व्यथा में सुख की नहीं, शान्ति की तलाश रहती है । सुख की खोज तो अंतहीन है (जैसे ही व्यथा समाप्त हुई, फिर से सुख
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