Month: August 2017

सम्मूर्च्छन मनुष्य

अल्पपरिग्रह आदि से मनुष्य आयु बंध होता है पर बाद में बहुपरिग्रह आदि से वे सम्मूर्च्छन वाले मनुष्य बनकर अल्प आयु पाते होंगे ।

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पुण्य / पाप

“पुण्य” छप्पर फाड़ कर देता है… “पाप” थप्पड़ मार कर लेता है ! (मंजु)

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दौलत और साँसें

इनसान नीचे बैठा दौलत गिनता है… कल इतनी थी..आज इतनी बढ़ गयी.. ऊपर वाला हँसता है और इनसान की साँसें गिनता है… कल इतनी थीं..आज

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अनुशासन

बच्चों पर अनुशासन Tree Guard जैसा होना चाहिए, न ज़्यादा जकड़ा हुआ, न बहुत ढ़ीला ।

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भाव

दुकानदार माल से मालदार नहीं, भावों से मालदार बनता है । आचार्य श्री विद्यासागर जी

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स्थावर

4 प्रकार के स्थावरों के शरीर अजीव/निर्जीव होते हैं (वनस्पति को छोड़कर) जैसे जलादि । ज्ञानशाला

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मंगल आशीष

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August 23, 2017