Month: August 2017
सम्मूर्च्छन मनुष्य
August 23, 2017
अल्पपरिग्रह आदि से मनुष्य आयु बंध होता है पर बाद में बहुपरिग्रह आदि से वे सम्मूर्च्छन वाले मनुष्य बनकर अल्प आयु पाते होंगे ।
पुण्य / पाप
August 22, 2017
“पुण्य” छप्पर फाड़ कर देता है… “पाप” थप्पड़ मार कर लेता है ! (मंजु)
दौलत और साँसें
August 20, 2017
इनसान नीचे बैठा दौलत गिनता है… कल इतनी थी..आज इतनी बढ़ गयी.. ऊपर वाला हँसता है और इनसान की साँसें गिनता है… कल इतनी थीं..आज
अनुशासन
August 19, 2017
बच्चों पर अनुशासन Tree Guard जैसा होना चाहिए, न ज़्यादा जकड़ा हुआ, न बहुत ढ़ीला ।
भाव
August 17, 2017
दुकानदार माल से मालदार नहीं, भावों से मालदार बनता है । आचार्य श्री विद्यासागर जी
स्थावर
August 16, 2017
4 प्रकार के स्थावरों के शरीर अजीव/निर्जीव होते हैं (वनस्पति को छोड़कर) जैसे जलादि । ज्ञानशाला
प्रतिभा / चारित्र
August 15, 2017
प्रतिभा का विकास, अनुकूल परिस्थिति में, चारित्र का विषम, परिस्थितियों में ।
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