Month: January 2018

संसार

अपने पराये का भेद ही संसार है । असल में ना कोई अपना है, ना पराया; सब अपने अपने हैं । गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी

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दिगम्बरत्व

आ. शांतिसागर जी महाराज जब हैदराबाद में प्रवेश किये तो कुछ लोगों ने निज़ाम से उन पर रोक लगाने को कहा । तब निज़ाम ने

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पूजा

अष्ट द्रव्य सहित, भावों से की गयी पूजा ही पूजा कहलाती है , बिना द्रव्यों के तो स्तुति हुई । मुनि श्री प्रमाणसागर जी

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समवसरण

इसमें मुनि आदि की संख्या एक समय की नहीं, भगवान के पूरे समवसरण के समय की होती है । मुनि श्री सुधासागर जी

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सल्लेखना

देश की रक्षा करने में जान देने वाले का वीर-मरण कहलाता है, तो धर्म की रक्षा में प्राण त्यागने वाले की आत्महत्या कैसे कही जा

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कर्म और भक्ति

अच्छा तो अपने कर्मों से होता है, अच्छाई भगवान/गुुुुरु की भक्ति से । चिंतन – एकता पुणे

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मुनि चर्या

प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने प्लेन चलाया, तब Comment आया था – “प्रधानमंत्री को सबसे बड़ा खतरा राजीव गांधी से” । मुनियों को सबसे बड़ा खतरा

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मन और तन

चक्की के दो पाटों में से एक स्थिर और दूसरा गतिमान हो…… तभी अनाज पिसता है । इसी प्रकार मनुष्य में भी दो पाट होते

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मंगल आशीष

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January 15, 2018