Month: March 2018

वृद्धावस्था

वृद्धावस्था में अशक्ति के साथ-साथ(ज्यादातर) आसक्ति भी हो जाती है । मुनि श्री प्रमाणसागर जी

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अष्ट अर्घ

आठ कर्म काटने के लिए, आठ की खाट छोड़ने के लिए(प्रमाद को छोड़ने का प्रतीक), आठ अर्घ का समर्पण ।

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चिंता / प्रसन्नता

विचारों/भावनाओं को नियंत्रित करना कठिन है, क्रियाओं को आसान । पर भावनायें और क्रियायें आपस में Connected रहती हैं । सो क्रियाओं में प्रसन्नता दर्शायें,

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बदलाव

आज जो अच्छा लग रहा है (मकान का रंग आदि) कल को वही बुरा लगने लगता है । क्योंकि द्रव्य का स्वभाव परिणमन है, और

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आचरण

जोकर अपने आपको कलाकार मानता है, पर दुनिया जोकर ! ऐसा क्यों ? क्योंकि उसका आचरण जोकर जैसा है । इसीलिये दुनिया को हंसाता है/दुनिया

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देवदर्शन

अरिहंत भगवान भी मूर्ति जैसे अविचल, इसी मुद्रा में, लेकिन परखने की दृष्टि होनी चाहिये, जो संसारी कपड़ों/भोजन आदि को परखने में प्रयोग करते हैं,

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मंगल आशीष

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March 31, 2018