Month: March 2018
बीमारी
निद्यत्ति/निकाचित कर्मोदय वाली बीमारियाँ भी होती हैं, जैसे मैना सुंदरी के पति को हुई थी । और इनका इलाज है – देवदर्शन/भक्ति । मुनि श्री
सम्पर्क / संबंध / संगति
सम्पर्क = तेल-पानी, संबंध = दूध-पानी, संगति = आग-पानी या पानी-सोड़ियम ।
ज्ञान
धन होने पर धनी कहलाते हैं, ज्ञान होने पर ज्ञानी ! पर ज्ञान तो कीड़े मकोड़ों को भी होता है ? उनका ज्ञान गुजारे भर
भावना
प्राय: भावनाऐं सिद्धांतों के अनुरूप ही होती हैं, पर कभी कभी उलंघन भी होता है जैसे सबका कल्याण हो । अभव्य का ? पर बारह
श्वासोच्छ्वास
पंचेन्द्रिय की श्वसन क्रिया दिखती है, उसे “आण-प्राण” कहते हैं । जिनकी देखने में नहीं आती, उसे श्वासोच्छ्वास कहते हैं । आ. श्री विद्यासागर जी
अनुराग
धर्मानुराग – धर्म के प्रति ऐसा अनुराग जो विपत्ति में भी बना रहे । गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी (अंधानुराग – अधर्म को भी धर्म
ध्यान से निर्जरा
ध्यान में रागद्वेष भाव नहीं, परिषहों का भी अनुभव नहीं, तो निर्जरा कैसे ? विशुद्धि से । पं. रतनलाल बैनाड़ा जी
कर्तृत्व
कर्तृत्व (कर्ता) का भाव, कर्तव्य से विमुख कर देता है । आचार्य श्री विद्यासागर जी
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