Month: March 2018

आत्मानुभूति

सराग – आत्माचिंतन तो सब जीवों को सब गुणस्थानों में हो सकता है (जैसे मैं जीव हूँ/आज्ञाविचय से  आत्मा ऐसी-ऐसी है ) । वीतराग –

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पाप

पाप परिस्थिति नहीं कराती, मन:स्थिति कराती है । जिस परिस्थिति में रागी पाप करता है, उसी परिस्थिति में वैरागी पुण्य करता है । क्षु. श्री

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प्रतिमा

आदिनाथ भगवान के समय इंद्र ने मंदिरों में अरिहंत भगवान की प्रतिमा स्थापित की सीमंधर भगवान की नहीं क्योंकि वे भरत क्षेत्र से संबंधित नहीं

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अनिवृत्तिकरण

अ = नहीं, निवृत्ति = भिन्नता, करण = परिणाम । एक समयावर्ती जीवों के एक से परिणाम, पर द्वितीय समय में अनंतगुणी विशुद्धता । श्री

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होली

पल पल *रंग* बदलती दुनिया… और लोग पूछते हैं…. *होली* कब है…???? (एस.एम.जैन)

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मंगल आशीष

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March 5, 2018