Day: May 31, 2018

आरती

बड़ों की आशिका अपनी ओर लें, ताकि उनके गुण/ज्योति हममें भी आयें, छोटों (दुल्हे आदि) की अपनी ओर से उनकी ओर करते हैं, ताकि हमारी

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सम्यग्दर्शन

दर्शन = नज़र, सम्यग्दर्शन = नज़रिया । मिथ्यादर्शन = यथायोग्य, सम्यग्दर्शन = यथावत । क्षु. श्री ध्यानसागर जी

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मंगल आशीष

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May 31, 2018