Month: June 2018
सन्मान
June 4, 2018
सन्मान हमेशा समय का होता है, लेकिन आदमी उसे अपना समझ लेता है । (मंजू)
ज़िन्दगी
June 3, 2018
गुज़रते दिनों का नहीं.. बल्कि यादगार लम्हों का नाम है… ज़िंदगी… (सुरेश) इसलिये ऐसे काम करें जिन्हें याद करके गर्व हो/ सुखद अनुभूति हो ।
भोगोपभोग-परिमाण-व्रत
June 2, 2018
परिग्रहाणुव्रत तो पहले ही होता है, भोगोपभोग-परिमाण-व्रत में रोज़ाना भोग/उपभोग की सीमा बनाता है । पाठशाला
भावना
June 2, 2018
एक राज्य में राजा अल्पायु ही होते थे । राजा के पूछने पर गुरु ने कहा कि जब वो हरा पेड़ सूख जायेगा तब बताऊंगा ।
आध्यात्म और आगम
June 1, 2018
“आध्यात्म” = अधि आत्मन यानि आत्मा के अंदर/अंतरंग, “आगम” = आ गच्छति यानि जो आता है, बाहर से/भगवान व गुरु मुख से । क्षु. श्री
समझाना
June 1, 2018
हम इतना समझाते हैं पर कोई भी समझता क्यों नहीं ? चोर चोर की समझता नहीं है । आचार्य श्री विद्यासागर जी
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