Month: June 2018

सन्मान

सन्मान हमेशा समय का होता है, लेकिन आदमी उसे अपना समझ लेता है । (मंजू)

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ज़िन्दगी

गुज़रते दिनों का नहीं.. बल्कि यादगार लम्हों का नाम है… ज़िंदगी… (सुरेश) इसलिये ऐसे काम करें जिन्हें याद करके गर्व हो/ सुखद अनुभूति हो ।

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भावना

एक राज्य में राजा अल्पायु ही होते थे । राजा के पूछने पर गुरु ने कहा कि जब वो हरा पेड़ सूख जायेगा तब बताऊंगा ।

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आध्यात्म और आगम

“आध्यात्म” = अधि आत्मन यानि आत्मा के अंदर/अंतरंग, “आगम” = आ गच्छति यानि जो आता है, बाहर से/भगवान व गुरु मुख से । क्षु. श्री

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समझाना

हम इतना समझाते हैं पर कोई भी समझता क्यों नहीं ? चोर चोर की समझता नहीं है । आचार्य श्री विद्यासागर जी

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मंगल आशीष

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June 4, 2018