Month: July 2018

भगवान के जन्म

भगवान पापियों का नाश करने नहीं, पुण्यात्माओं का उद्धार करने जन्मते हैं, जैसे जमीन में पानी ढ़ूंढ़ने के लिये नारियल का प्रयोग किया जाता है

Read More »

फुर्सत

क्या बेचकर..खरीदें तुझे.. ऐ-“फुर्सत”.. सब कुछ तो..गिरवी पड़ा है.. जिम्मेदारी के..बाजार में… (ब्र.संजय)

Read More »

प्रमत्त / अप्रमत्त

आहारादि प्रवृत्ति प्रमत्त अवस्था, प्रवृति में सावधानी अप्रमत्त अवस्था । मुनि श्री प्रमाणसागर जी

Read More »

पूजा में स्थापना

बैठकर पूजा करने वालों को ठौने में स्थापना बैठकर ही करना चाहिये, वरना स्थापित द्रव्य नाभि से नीचे हो जायेगा । मुनि श्री सुधासागर जी

Read More »

पुण्य

पुण्य की ज़रूरत तब तक, जब तक हमसे पाप हो रहा है । कीचड़ पाप है, इसे साफ करने पुण्य रूपी जल चाहिये, बिना पानी

Read More »

मुनि

आदिनाथ भगवान के समय से लेकर पंचम काल के अंत तक तीनों प्रकार के मुनि थे, हैं और रहेंगे । भाव/द्रव्य/भ्रष्ट लिंगी । मुनि श्री

Read More »

अपनी पूजा

भक्तों के द्वारा गुरु की पूजा करते समय गुरु को ध्यान से सुनना चाहिये ताकि अपने आपको उस योग्य बनाये रखने की प्रेरणा मिलती रहे,

Read More »

विद्याधर

रावण विद्याधर होते हुये भी उनके लिये निर्धारित श्रेणियों में नहीं रहता था, पर यह अपवाद था ।

Read More »

संवेदन

3 प्रकार के लोग – संवेदन शून्य – निष्ठुर संवेदन शील – दयालु आत्म संवेदन शील – संत पुरुष

Read More »

मंगल आशीष

Archives

Archives
Recent Comments

July 31, 2018