Month: July 2018
प्रासुक जल
जल-गालन के पश्चात जल को प्रासुक करने की विधि – 1. सम्मिश्रण – 1,2 लोंग, सौंफ, इलायची आदि ड़ालकर 2. हवा अग्नि से – झरने
अनुमान / अनुभव
अनुमान अप्रत्यक्ष, अनुभव प्रत्यक्ष । कभी कभी अनुमान अनुभव से ज्यादा कारगर हो जाता है, जैसे ज़हर खाने से मृत्यु हो जाती है । मुनि
सम्यग्दर्शन
मंदिर में जरा जरा सी क्रियाओं में सम्यग्दर्शन खंड़ित हो जाता है, घर/दुकान की बड़ी से बड़ी क्रियाओं से भी नहीं । कहीं भी/किसी के
Present
The PAST,the PRESENT and the FUTURE are really one: they are TODAY
देह-त्याग
माँ (श्रीमती मालतीदेवी) के देहावसान पर…. वेदन हो पर वेदना न हो,उसे निर्जरा (कर्मों को काटना) कहते हैं । लालमणी भाई
बंध
कर्म-बंध के समय अलग अलग कर्म प्रकृतियों की स्थिति और अनुभाग अलग अलग बंधेगा । पं. रतनलाल बैनाड़ा जी
विक्रिया
अग्नि और वायुकायिक में भी विक्रिया की क्षमता होती है । समुद्र में तूफान वायुकायिक विक्रिया से आते हैं । पं. रतनलाल बैनाड़ा जी
रुद्र / नारद
महापुरुषों में इनकी गिनती हुंड़ा की देन है । आ. श्री विद्यासागर जी – दिव्योपदेश
पाप / अपराध
पाप – आंतरिक, अधर्म तथा भावनाओं से, अपराध – प्रकट, क्षेत्र और काल से परिभाषा बदलती रहती है, इसका फल बाद में निर्धारित किया जाता
जैन धर्म
जैन धर्म सब जीवों के लिये है, पर जैन श्रावकों के लिये विशेष अनुष्ठान हैं । अन्य श्रावक गोत्र बदल कर विशेष क्रियानुसार जैन बन
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