Month: August 2018

कर्म / नोकर्म

“कर्म” परिवर्तित करता है, “नोकर्म” प्रभावित करता है, “संकल्प” इनके Effect को Neutralize करता है ।

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चमत्कारी प्रतिमा

प्राय: पाषाण की प्रतिमाओं में अतिशय देखा जाता है, कारण !! प्राचीनता । (भक्तों की निगाहें टिकती हैं,धातु की प्रतिमाओं पर नहीं —- मुनि श्री

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मरघट

ऐसा कोई घर है जिसमें मरण ना हुआ हो ? हम जिसे मरघट कहते हैं वह तो “चलघट” है, मरघट तो हमारे घर हैं ।

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अंतिम क्रियायें

मृतक को नहलाना, श्रंगार करना, पैर छूना, ये सब मिथ्यात्व की क्रियायें हैं । मुनि श्री सुधासागर जी

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बुराई

कचड़े में इत्र और राख में घी ड़ालने से फायदा नहीं, पहले सफाई करो ।

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अंतराय

अंतराय पाप के उदय से नहीं, पुण्य कम होने से होते हैं । मुनि श्री मंगलानंदसागर जी

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अच्छा बुरा समय

जो पूर्णमासी नहीं मनाते, उनके जीवन में अमावस्या नहीं आती है । आचार्य श्री विद्यासागर जी

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रागी / वीतरागी

वीतरागी लेते देते नहीं, तो क्या रागी ले दे सकते हैं ? मुनि श्री प्रमाणसागर जी

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मंगल आशीष

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August 16, 2018