Day: September 27, 2018
संलेखना
September 27, 2018
संलेखना इस जीवन का कलश भी है और अगले जन्म की नींव भी । आचार्य श्री विद्यासागर जी
कामना
September 27, 2018
कामना उतनी ही करो जितनी औकात हो (पुण्य हों) । मज़दूर ने ज़मींदार की शानदार घोड़ी देख, भगवान से ऐसी ही घोड़ी मांगी । तभी
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