Day: October 29, 2018

अतिचार / अनाचार

अतिचार – प्रायश्चित भाव सहित, अनाचार – प्रायश्चित भाव रहित । क्षु. श्री जिनेन्द्र वर्णी जी

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निमित्त

तुमसे मेरे कर्म कटे, मुझसे तुमको क्या मिला ? आचार्य श्री विद्यासागर जी

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मंगल आशीष

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October 29, 2018