Month: October 2018
गिरना
यदि डूबते हुये को बचाने के लिये एक सीढ़ी नीचे उतरना पड़े तो उतरने में पाप नहीं लगेगा । (पर बचाने की प्रक्रिया में सीढ़ी
निमित्त / उपादान
निमित्त माचिस की जलती हुई तीली है, इससे अपने ज्ञान का दीपक जल्दी जलाओ, क्योंकि तीली तो थोड़ी देर तक ही जलती है । मुनि
आशीर्वाद
भगवान तो आशीर्वाद देते ही नहीं, गुरु देते हैं; पर प्रभाव तभी जब शिष्य की भक्ति में कशिश हो, तथा भक्ति/विश्वास के अनुपात में ही
बीजाक्षर
बीजाक्षर के अर्थ इसलिये नहीं मिलते क्योंकि अलग अलग अपेक्षाओं से इनके अलग अलग/बहुत से अर्थ होते हैं । मुनि श्री सुधासागर जी
भेड़चाल
ढ़ोल बजते ही नाचना न शुरू कर दें, यह तो देख लें कि ढ़ोल जन्म की खुशी के हैं या मातम के ! मुनि श्री
स्वाध्याय
चिरोंजाबाई जी चावल बीन रहीं थीं । दत्तक पुत्र ने पूछा – क्या कर रही हो ? स्वाध्याय कर रही हूँ ! उपादेय (चावलों) को
प्रशम
सम्यग्दृष्टियों के प्रशम भाव कैसे ? प्रशम भाव के दो भेद – 1. नारकियों/गृहस्थों/त्रियंचों/देवों का, जिसमें विरोधी हिंसा का त्याग नहीं । 2. मुनियों का
वैराग्य
शमशान जाने पर वैराग्य भाव प्राय: सभी के आते हैं, पर टिकते इसलिये नहीं क्योंकि वैराग्य का भाव-रूपी-बीज हम बंजर भूमि(धर्म-रूपी-आद्रता का अभाव) में डालते
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