Month: December 2018

विधर्मी शादी

चक्रवर्ती की मलेच्छ रानियों से शादी विधर्मी शादी कहलायेगी ? नहीं, क्योंकि वहाँ ना धर्म है और ना ही विधर्म, वहाँ तो सब कोरे कागज़

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पर

घर, कार आदि तो मैंने अपने पैसों से, अपने/अपनों के लिये खरीदा है तो “पर” कैसे ? जिस धन से खरीदा, जिस शरीर, जिन रिश्तेदारों

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सुख की तलाश

कॉफी हाऊस के मालिक को सिर दर्द हुआ, दवा लेने सामने कैमिस्ट मित्र की दुकान पर गये । मित्र के ना मिलने पर पता लगा

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व्यवहार/निश्चय

निश्चय से तो निगोदिया और भगवान एक, पर मंदिर में निगोदिया की मूर्ति नहीं, यह व्यवहार है । आ. श्री – निश्चय से तो सुबह

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अहित

अपनों से/अपने बेटे से अपने अहित की अपेक्षा नहीं की जाती । तो अपने मन/इंद्रियों से अपना अहित कैसे कर रहे हो !!

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तीर्थंकर प्रकृति

तीर्थंकर प्रकृति वाले जीव की प्रवृत्ति – श्रेणिक को बता दिया था कि कुनाण का जीव तुमसे दुश्मनी निभायेगा, तुम्हारी मृत्यु का कारण बनेगा ।

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सहनशीलता

सिर्फ सहना नहीं, प्रतिकूल परिस्थितियों के लिये सामने वाले को जिम्मेदार न मानकर, अपने कर्मों को जिम्मेदार मानना ।

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कलैंडर

भारत में एक काल से दूसरे काल में जाने को कालांतर कहा, इसी से कलैंडर नाम पड़ा । प्राचार्य – गुरुकुल, अहमदाबाद

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मंगल आशीष

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