Month: December 2018
कृतकृत वेदन
यदि कृतकृत वेदन ने नरक आयु बंध कर लिया हो तो वह क्षयो. सम्यग्दर्शन लेकर नरक जायेगा, और वहाँ अपर्याप्तक अवस्था में ही क्षायिक सम्यग्दर्शन
नमन
नमन में यदि न मन हो, तो नम न हमारा मन हो, ना ही नमन है । ब्र. नीलेश भैया
पाप क्रिया में निर्जरा
पाप क्रिया करते समय पुण्य की निर्जरा होती है, उसके बिना पाप क्रिया हो ही नहीं सकती । पाप के उदय में पुण्य-क्रिया की जा
धर्मात्मा / कर्मात्मा
जो मरण से पहले छोड़े वह धर्मात्मा, कर्मात्मा मरण के बाद छोड़ता है (अंत तक कर्म में ही लगा रहता है)
जैन अल्पसंख्या में ?
एक इंद्रिय – अनंत, त्रस – असंख्यात, मनुष्य – संख्यात, जैन और भी कम, गुणवत्ता बहुलता में नहीं मिलती । चिंतन
घर में क्या रखें ?
पूजा के योग्य चीज़ें ना रखें । क्योंकि ऐसी वस्तुऐं रखते ही वह स्थान पूज्यनीय हो जाता है और घर पूज्यनीय नहीं है ।
पर्युषण में तत्वार्थ-सूत्र
ऐसा लगता है कि पर्युषण में तत्वार्थ-सूत्र पढ़ने की प्रथा इसलिये शुरू हुई होगी – क्योंकि तत्वार्थ-सूत्र पढ़ने से एक उपवास का लाभ होता है
पूँछना
प्रश्न पूँछने वाला थोड़े (उस) समय बुद्धु दिखता है, ना पूँछने वाला ज़िंदगी भर बुद्धु बना रहता है । (प्रांजल)
मुनि दरबार में
आ. जिनसेन 2 बार राजाओं के दरबार में गये । खंडेला राजा ने प्रजा को जैन बनाया (तभी से वे खंडेलवाल बने) रावण के दरबार
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