Month: March 2019
शक्ति / कमज़ोरी
प्रभु ! इतनी शक्ति ना भी हो कि गुणों की खेती लहरा सकूँ तो चलेगा, पर इतना कमज़ोर ना हो जाऊँ कि अवगुणों की (विषाक्त)
निमित्त / धर्म / साधक
निमित्त 2 प्रकार के – जैसे घड़े के लिए… 1) साधन रूप – चाक, 2) उपादान रूप – मिट्टी का लोंदा । ऐसे ही साधक
Perfect / Defect
Perfect बनने की कोशिश करने वालों में प्राय: Defect आ जाते हैं, अपने Defect निकालते रहने वाले एक दिन Perfect बन जाते हैं ।
धार्मिक क्रियायें
चार चरण में – 1. चेतन – विकल्प सहित, प्रारंभिक अवस्था 2. चेतन – निर्विकल्प 3. अचेतन – विकल्प 4. अचेतन-निर्विकल्प… साधुओं कि ध्यान अवस्था
त्याग
मूल्य त्याग का नहीं, त्याग को निभाने के लिये आप कितना मूल्य चुकाने को तैयार हैं, वह तय करता है कि त्याग बड़ा है या
आत्मा को जानना
आत्मा को आत्मा से जानना से क्या समझें ? आज आत्मा अनात्मा बनी हुई है/अनात्मा को ही आत्मा (जीव) मान बैठी है । आत्मा द्वारा
समझदारी
खुद की समझदारी भी अहमियत रखती है, वरना याद रहे …. युधिष्ठिर और दुर्योधन के गुरु एक ही थे । (सुरेश)
पूजा / विधान
पूजा + जाप = विधान मंडल (बीजाक्षर) सहित = मंडल विधान मुनि श्री प्रमाणसागर जी
उदिष्ट आहार
चक्रवर्ती का भोजन रानियाँ नहीं, रसोइये ही बनाते हैं, पर मुनि का आहार रानियाँ ही बनाती हैं । पर मुनि की अनुमोदना ना होने से/यह
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